दोस्तों एक बार कौवा एक पेड़ की डाल पर बैठे-बैठे रो रहा था। नीचे से एक साधु निकलता है और, उसके आंसू साधु के ऊपर गिरते हैं। साधु ऊपर देखता है तो कौवा रोता हुआ दिखाई देता है। साधु पूछता है कि-(Moral Stories In Hindi)
साधु:-कौवे भाई क्यों रो रहे हो?
कौआ:-बाबा मेरे जीवन में कष्ट ही कष्ट है। भगवान ने मुझे ऐसा बनाया है कि, सभी मेरा तिरस्कार करते हैं। कोई मुझे पसंद नहीं करता हैं। मेरे काले रंग और कर्कश आवाज के कारण लोग मुझे अपने घरों पर बैठने तक नहीं देते हैं। लोग मुझे जूठा खाना खिलाते हैं।
साधु:-सभी को भगवान ने अलग अलग बनाया है। और सबको अलग-अलग कुशलता भी दी हैं। इसी प्रकार तुम्हें भी कुशलता दी है और बाकी पक्षियों की भी अपनी अपनी कहानियां हैं, और परेशानियां है।
कौआ:-नहीं साधु महाराज मुझसे अच्छे तो बाकी पक्षी है। जिन्हें लोग पालते हैं, खिलाते हैं, और लोग ज्यादा पसंद करते हैं। मुझे कौन-सा लोग पसंद करते हैं, मेरी जिंदगी तो खराब है।
साधु:-अच्छा ठीक है, बता तुझे कौन सा पक्षी बनना है। मैं अपनी शक्ति से तुझे वही पक्षी बना देता हूं।
कौआ:-साधु महाराज मुझे हंस बना दो, कितना बढ़िया रंग है, लोग कितना पसंद करते हैं।
साधु:- ठीक है, मैं तुझे हंस बना दूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है कि, पहले तू हंस से जाकर मिल आ।
कौवा हंस के पास जाता है, और हंस से बोलता है कि,
कौआ:-हंस भाई! तुम्हारा क्या रंग रूप है, पानी में भी चलते हो, क्या विशेषताएं हैं, लोग तुम्हें कितना पसंद करते हैं। तुम्हें देखने के लिए घंटों लोग खड़े रहते हैं, इंतजार करते हैं। अगर मुझे मौका मिले तो मैं हंस बनना पसंद करूंगा।
तब हंस बोलता है कि-
हंस:-कौवा भाई मेरी बहुत बड़ी तकलीफ है। भगवान ने मुझे जो रंग दिया है, वह शांति का रंग है। मुझे अपना रंग देखकर हर दम यह एहसास होता है कि, जैसे कोई मर गया हो और सफेद रंग होने के कारण कोई फोटो खींचता है तो मैं किसी सफेद रंग में छुप जाता हूं। दिखता ही नहीं हूं और सफेद रंग की वजह से मुझे और भी बहुत सारी तकलीफ है।
कौआ:- तुम्हें भी सफेद रंग से तकलीफ है।
हंस:- हां भाई बड़ी तकलीफ है।
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फिर कौवा और हंस दोनों साधु बाबा के पास जाते हैं और साधु बाबा से बोलते हैं कि,
कौआ:- हे बाबा महाराज! मुझे तुम पैरेट बना दो। एक मौका देकर पैरेट बना दो, क्योंकि पैरेट बड़ा अच्छा होता है। उसका हरा रंग होता है। लाली चौच होती है, लोग पालते हैं, पसंद करते हैं। फोटो खींचते हैं। बहुत सारी विशेषताएं हैं। मुझे आप पैरेट बना दो।
लेकिन साधु महाराज बोलता है कि मैं पैरेट बना दूंगा, लेकिन उससे पहले मेरी एक शर्त है कि पैरेट से जाकर मिल आओ।
दोनों हंस और कौवा तोते से मिलने चले जाते हैं। तोते को ढूंढा जाता है। एक पेड़ पर बहुत सारे पक्षी बैठे होते हैं। उसमें वह तोते को ढूंढते हैं। चार-पांच चक्कर लगा देते हैं और फिर जाकर तोता दिखाई देता है। फिर तोते के पास जाकर बोलते हैं कि-
कौआ और हंस:- तोता भाई तुम्हारा क्या रंग रूप है, हरा रंग है, चौच लाल है। मैं तुम जैसा बनना चाहता हूं। अगर भगवान मुझे मौका दे तो मैं तुम्हारे जैसा ही बनना चाहता हूं। तुम्हारे तो बढ़िया मजे होंगे।
इस पर तोता बोलता है कि-
तोता:- तुम लोग चार चक्कर पेड़ के लगा लिए। जब मैं दिखाई दिया और मेरे रंग की तारीफ करते हो। भगवान ने मुझे ऐसा रंग दिया कि मैं पेड़ में छुप जाता हूं। कोई मुझे देख ही नहीं पाता है। कोई फोटो खींचता है। तो मैं और पेड़ में दिखता ही नहीं हूं और तुम मेरे रंग की तारीफ कर रहे हो या मेरी बेज्जती कर रहे हो।
हंस और कौआ:-क्या तुम्हें भी अपने रंग से तकलीफ है? और क्या-क्या परेशानियां है।
तोता:-मुझे लोग पकड़ने के लिए हरदम घूमते रहते हैं, इसलिए मुझे बचकर रहना पड़ता है। लोग जाल बिछाए रहते हैं। पल-पल सतर्क रहना पड़ता है
इस पर फिर तीनों पक्षी साधु के पास जाते हैं और फिर साधु से बोलते हैं।
तीनो:- महाराज एक मौका और दीजिए। हम लोगों को मोर बना दीजिए। मोर बढ़िया पक्षी है, लोग उसका सम्मान करते हैं, राष्ट्रीय पक्षी है।
तो साधु की वहीं शर्त होती है कि मैं मोर बना दूंगा परंतु एक बार मोड़ से जाकर मिलाओ। तीनों जाकर मोड़ को ढूंढने लगते हैं। जंगल में उसे जैसे तैसे मोर मिलता है। मोर एक गड्ढे में जाकर छुपा हुआ था।
तीनो:- मोर भाई तुम इस गड्ढे में क्यों छुपे हुए हो?
तो मोर बोलता है कि-
मोर:-ध्यान से देखो वो झाड़ियों के पीछे एक शिकारी खड़ा हुआ है। और वह मुझे ही ढूंढ रहा है। मुझे अपने भारी वजन और भारी पंखों से बहुत परेशानी है और अभी 1 घंटे पहले उसी शिकारी ने मेरे साथी को मार दिया और उसके पंखों को नोच नोच कर रख लिया। अब उन पंखों को पूरे मार्केट में बेचा जाएगा और लोग अपने घरों की सजावट में इस्तेमाल करेंगे।
फिर कौवा और बाकी पक्षी चारों साधु के पास जाते हैं, तो साधु बोलते हैं-
Moral Stories In Hindi
साधु:- भगवान ने जिसको जिस रूप में बनाया है जो विशेषताएं दी है, वह अतुलनीय हैं। भगवान ने सबको कुछ मजबूत तो कुछ कमज़ोर विशेषताएं दी है। अगर हम कमजोर कड़ियों पर ध्यान देगे तो खुद को कमजोर महसूस करेंगे यदि मज़बूत कड़ियों पर ध्यान देंगे तो हम खुद को मज़बूत महसूस करेंगे। सभी पक्षियों को अपनी भूल का एहसास हो जाता है। और जीवन जीने का मूल सूत्र मिल जाता है किसी से भी अपनी तुलना न करे।
हमने ऐसी ही कुछ और Moral Stories In Hindi लिखी है, उन पर भी अपनी दिव्य रोशनीं डालिये। यात्री यहाँ ध्यान दे