कभी सूरज को चाँद कभी चाँद को सूरज कर दिया,
सब काम अपना छोड़ कर हर लम्हा आपके नाम कर दिया ।
अब तो आ जाओ मेरी आखो में चमक लाने वाले,
तेरे इन्तजार में मेने हर सुबह को शाम कर दिया।।
तरस रहे है नयना, नयनो में तू ही खटक रहा है,
अब तो आस पास मेरे एक तूफ़ान भटक रहा है
सुबह-शाम, दिन-रात, चलते-फिरते, सोते-जागते,
ये पागल प्रेमी तेरा, बस तेरा ही नाम रत रहा है।
देख तेरी गैरहाजिरी ने मुझे बगावत पर खड़ा कर दिया,
अब तो आ जाओ मेरी आखो में चमक लाने वाले,
तेरे इन्तजार में मेने हर सुबह को शाम कर दिया।।
कभी सूरज को चाँद कभी चाँद को सूरज कर दिया,
सब काम अपना छोड़ कर हर लम्हा आपके नाम कर दिया ।
अब तो आ जाओ मेरी आखो में चमक लाने वाले,
तेरे इन्तजार में मेने हर सुबह को शाम कर दिया।।