रोज एक हंगामा सामने आ जाता है।
तब आखो से आसू निकल ही आता है।
ये तो मोहोब्बत का नूर है साहिब,
कभी कम तो कभी ज्यादा आ जाता है।।
जनता हू क्यों मेरी परवा नहीं करते वो
जमाने की हवा कान मे है ऐसे नहीं थे वो
मेरा खुश रहना जमाने को रास नहीं आता है।
ये तो मोहोब्बत का नूर है साहिब,
कभी कम तो कभी ज्यादा आ जाता है।।
ये तो मोहोब्बत का नूर है साहिब
कभी कम तो कभी ज्यादा आ जाता है।।
चैन की सांस लेते नहीं बनता दिल, दिमाग से लड़ता रहता है।
यादो की धूल में साफ़ करु और तू मिट्टी डालता रहता है।
क्यों भूल जाऊ उन प्यारी यादो को, जो हज़ारो दिन की पूंजी है।
दिल ने जब ऐसी बात कही तो, दिमाग में बात गूंजी है।
हर लफ्ज़ तेरे चुभते है। ऐसी बाते न किया करो।
दिल तुम भी तो टूटे हो जरा मुझपे तो रहम करो।
सुन दिल तेरी इन यादो से हो भी अब कुछ न पायेगा।
गर थक-हार गया में भी तुझसे फिर तू ही बस रह जायेगा।
दिल ने फिर लंबी सांस भरी बोल धमकी किसको देता है।
मरने तक तू काम करे और साँस भी न लेने देता है।
हर साँस में तुझको रखता हूं।
दिल टुटा है पर हँसता हु।
बिकट अँधेरे में बैठा,
में तुझसे ही तो कहता हूं।
तेरी यादो का ये धुआं उठे।
और फिर मानो जान लुटे।
फिर सामने जैसे तू है खड़ी
और आग पुरानी सुलग उठे।
ज़िंदा रहने की बजा नहीं।
दिल में तेरी वो जगा नहीं।
सीने का टुकड़ा टूट गया।
मेरा है तूने झूठ कहा।-3
अब कुछ न होने वाला है।
न अब तू वो मधुवाला है।
हा काम नहीं तेरी यादो से।
वो मीठी मीठी बातो से।
लो मैंने हाथ जोड़ लिये
उन सारे रिस्ते नातो से।
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