रक्षाबंधन”Rakshabandhan” क्यो मनाते हैं।
रक्षाबंधन (Happy Rakshabandhan) का त्यौहार है। जो कि भारत देश में मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन रक्षा सूत्र जिसे हम राखी भी बोलते हैं। इसका बड़ा महत्व होता है। इस त्यौहार को हम राखी भी बोलते हैं।
मेरी बहन ने मुझे वह सब कुछ सिखाया जो मुझे वास्तव में जानने की जरूरत है।
रक्षाबंधन के दिन सभी बहनें अपने भाइयों को कच्चे धागे या, रेशम के धागे से बनी हुई रंग-बिरंगी राखियां बांधती है। और भाई अपनी बहन को रक्षा करने का वचन, तथा उनके लिए उपहार देता है।
एक बहन आपका दर्पण है।
हिंदुस्तान में यह एक बड़े त्यौहार में से एक है। और यह त्यौहार श्रावण मास में मनाया जाता है। यह अगस्त के महीने में पड़ता है। इस त्यौहार में घर में पकवान बनाए जाते हैं। और मिठाइयां बनाई जाती हैं। भाई बहन के अलावा, यह त्यौहार सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या-क्या मिठाईयां बनती हैं। Happy Rakshabandhan
इस त्यौहार पर लोग सभी तरह की मिठाइयां, अपने घर में बनाते हैं। जैसे की, गुलाब जामुन, बर्फी, जलेबी, लड्डू और भी बहुत तरह के पकवान बनाते हैं। लड़कियां और घर की महिलाएं सुबह सुबह उठकर, तैयार होकर पूजा की थाली सजाते हैं।
प्रिय बहन, मैं आपको हमेशा सबसे अधिक चिढ़ाता हूँ क्योंकि मैं आपको सबसे अधिक प्यार करता हूँ।
फिर उस थाली में रोली, हल्दी, चावल, राखी, दीपक रखकर अपने भाई का तिलक करती हैं। चावल के दाने अपने भाई पर छिड़क कर उन की आरती उतारी जाती है।
हैप्पी रक्षा बंधन भाई !! अगर आप मेरी जिंदगी का हिस्सा नहीं होते तो जिंदगी इतनी खूबसूरत नहीं होती। तुम मेरे लिए बहुत कीमती हो।
पैसे निछावर किए जाते हैं। यह परंपरा होती है। भारत में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग परंपराएं भी हो सकती हैं। बदले में भाई अपनी बहन को राखी के बदले कुछ उपहार देते हैं।
इतिहास Happy Rakshabandhan
पुराने समय में जब राजपूत लड़ाई पर जाते थे, तो महिलाएं उनके माथे पर तिलक लगाया करनी थी। और हाथ में एक रक्षा सूत्र बांधा करती थी। वह इसलिए क्योंकि तिलक उनको विजय दिलाएगा और रक्षासूत्र उनको अपने साथ वापस ले आएगा।
मेरे प्यारे भाई को मेरी शुभकामनाएं और ढेर सारा प्यार। सबसे अद्भुत भाई और मेरे सबसे अच्छे दोस्त होने के लिए धन्यवाद। Happy Rakshabandhan
रक्षाबंधन के साथ एक और बहुत रोचक कहानी जुड़ी हुई है। कहते हैं, मेवाड़ की रानी कर्मावती को पता चला कि उनके राज्य पर हमला होने वाला है। तभी उन्होंने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा की याचना की, लेकिन हुमायूं मुसलमान था। फिर भी उन्होंने राखी की लाज रखी, और मेवाड़ पहुंचकर रानी कर्मावती की रक्षा की।
महाभारत में भी इसी का उल्लेख किया गया है। जब जब जेष्ठ युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि हे प्रभु, मैं इतने संकटों को कैसे पार कर सकता हूं। तब श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को राखी का त्यौहार मनाने की सलाह दी। और बताया कि इस रक्षासूत्र में इतनी शक्ति है, की यह बड़े से बड़े संकट को टाल देता है। और मुसीबत के समय आप उसका सामना कर सकते हैं।
कोई भी नहीं हो सकता है जैसे तुम मेरी प्यारी बहन हो। आपको रक्षा बंधन की शुभकामना बहन।
कहां जाता है कि, शिशुपाल पर जब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र छोड़ा तो उनकी उंगली में चोट आ गई थी। तभी द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर एक टुकड़ा श्रीकृष्ण की उंगली में बांध दिया था। और इस Karz को श्रीकृष्ण ने द्रोपदी चीर हरण कि समय चुकाया। इस तरह श्री कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की और कहते हैं कि उसी समय से रक्षाबंधन का त्यौहार प्रारंभ हुआ।
आधुनिक रक्षाबंधन Happy Rakshabandhan
आज के समय में कई लोग विदेशों में रहते हैं। और अपने परिवार से रक्षाबंधन को मिलने तक की फुर्सत नहीं होती है। तो आजकल बहुत सारी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर राखियां उपलब्ध होती हैं। तो बहनें उस राखी को अपने भाई के लिए आर्डर कर देती हैं। और वह राखी उनके भाई तक पहुंच जाती है
जैन लोगक्यों मनाते हैं रक्षा बंधन rakshabandhan
कहते हैं, कि इस दिन विष्णु कुमार नामक मुनि राज ने 700 जनों की रक्षा की थी और जैन धर्म के लोग इसी वजह से इस त्यौहार को मनाते हैं। इस दिन हमें देश की रक्षा और धर्म की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए जो कि बहुत जरूरी है।
रक्षाबंधन के लिए सरकारी सुविधाएं
रक्षाबंधन के दिन भारतीय डाक विभाग द्वारा ₹10 के लिफाफे की बिक्री की जाती है। जो कि देखने में बड़ा ही आकर्षक होता है। यह लिफाफे की कीमत ₹5 होती है और ₹5 डाक शुल्क होता है। जो भाई अपनी बहन से दूर रहते हैं। वह बहन ने अपने भाई को इस लिफाफे में राखी भेज सकती हैं।
एक लिफाफे में 50 ग्राम तक वजन रख सकते हैं। 50 ग्राम में तीन से चार राखी आराम से आ जाती हैं। इन लिफाफों में राखी पूरी सुरक्षित रहती हैं। क्योंकि यह लिफाफे वाटरप्रूफ रहते हैं। क्योंकि इस टाइम बारिश का सीजन होता है। तो सरकार यह सुविधा भी उपलब्ध कराती है।
कई बड़े-बड़े शहरों में स्पेशल डब्बे लगाए जाते हैं। और इस सुविधा को और आसान बनाया जाता है और बड़े-बड़े डाकघरों में राखी की दुकान भी लगाई जाती है।
धार्मिक बातें
यह त्यौहार बहुत सारी धार्मिक बातों से जुड़ा हुआ है, जो कि लोगों द्वारा कही गई है। वही मैं नीचे कुछ लाइनों में बताने की कोशिश करूंगा पर यह बातें कितनी सत्य है इसका अंदाजा मैं नहीं लगा सकता बस मेरी खोजबीन के अनुसार यह बातें हैं।
- यह त्यौहार ब्राह्मणों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इस दिन ब्राह्मण अपने यजमानों को राखी भेज दे कर यानी रक्षा सूत्र बांध कर यजमानों से दक्षिणा लेते हैं।
- महाराष्ट्र में इस त्यौहार को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है इस दिन लोग नदी के पास जाकर या समुद्र के पास जाकर अपना जनेऊ बदलते हैं और समुद्र को नारियल भेंट करते हैं इस दिन मुंबई का समुद्र किनारा या समुद्र तट नारियलों से भर जाता है
कुछ बातें मेरी तरफ से
अब तक आप तो यह जान ही गए होंगे, यह त्यौहार एक प्रेम भरा त्यौहार है। और इस त्यौहार को क्यों और किस तरीके से मनाया जाता है। पर हमें इस त्यौहार को मनाते हुए, कुछ और प्राण लेने चाहिए। जैसे कि हम अपने बहन-भाइयों की रक्षा करने का वचन लेते हैं।
- इसी तरह हमें अपने देश, और धर्म की रक्षा की बचा लेना चाहिए।
- हम अपने देश को साफ सुथरा रखेंगे।
- कहीं गंदगी नहीं फैलाएंगे कचरा इधर-उधर नहीं फेकेंगे।
- साथ ही साथ दूसरों को भी इस अच्छे काम के लिए प्रेरित करेंगे।
- हमसे जितना हो सकेगा हम अपना टाइम अच्छे कामों में लगाएंगे।
- हमसे जितना हो सकेगा हम अपने आसपास सफाई रखेंगे
- यह आप का एक छोटा सा प्रण बहुत बदलाव ला सकता है।
- हमें औरतों का सम्मान करना चाहिए।
- भाईचारे की भावना एक दूसरे से रखना चाहिए।
- जातिवाद खत्म करना चाहिए।
- लोगों की इज्जत करना चाहिए।
- बड़े बूढ़ों की इज्जत करना चाहिए
- माता पिता से प्यार करना चाहिए।
”बस यही छोटी-छोटी बातें हमारे देश को बदल सकती हैं।” Happy Rakshabandhan
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